सिर्फ दिशानिर्देश ही नहीं फील्ड पर भी काम करती हैं सीओ सिटी वंदना सिंह
स्टेट क्राइम ब्यूरो चीफ जगदीश तिवारी की रिपोर्ट
कहते हैं इंसान की पहचान उसके काम से होती है और जब एक साथ तीन-तीन थाने संभालने का हो तो कहा जा सकता है कि जिम्मेदारी बहुत बड़ी है क्षेत्र को अपराध मुक्त रखना है चोरी की घटनाओं में रोक लगाना है क्षेत्र की पुलिस मित्र पुलिस बन कर काम करें इन बातों की जिम्मेदारी क्षेत्राधिकारी नगर की होती है अगर बात रायबरेली जिले से सबसे तेज क्षेत्राधिकारी की जाए तो सबसे पहले नाम निकल कर आता है तेजतर्रार छवि की सीओ सिटी वंदना सिंह का जिन्होंने कई बड़ी घटनाओं के खुलासे में अहम भूमिका निभाई सबसे पहले बात करते है इंदिरा नगर ब्लाइंड मर्डर की जिसमे एक मकान में महिला की हत्या हो जाती है अपराधी घटना को अंजाम देकर मौके से फरार हो जाते है और शहर कोतवाल सहित एस ओ जी प्रभारी भी इस घटना का खुलासा करने के लिए हाथ पैर मारते दिखे लेकिन खुलासा करने में नाकाम रहे लेकिन क्षेत्राधिकारी नगर वंदना सिंह ने इस ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करने की जिम्मेदारी ली और इस घटना का खुलासा सिर्फ 3 दिनों के अंदर करके यह साबित कर दिया की अगर उनके क्षेत्र में अपराध का ग्राफ बढ़ेगा तो वह एसएचओ व चौकी प्रभारियों को दिशा निर्देश नहीं देंगी बल्कि अपराध को खत्म करने के लिए वह खुद भी फील्ड पर उतर कर अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी अब बात करते हैं मिल एरिया थाना क्षेत्र के शारदा नहर पर सर्राफा व्यापारी से हुई लूट के मामले में जब मिल एरिया थाना प्रभारी सहित अन्य कई पुलिसकर्मी इस घटना का खुलासा करने में पूरी तरह से नाकाम रहे तब इसकी जिम्मेदारी सीओ सिटी वंदना सिंह ने उठाई थी और इस घटना का खुलासा करने में केवल 1 हफ्ते का समय लिया था और इस मामले में पूरी रिकवरी करते हुए सर्राफा व्यापारी को पैसा वापस दिलाने का काम किया था जिसके बाद रायबरेली पुलिस पर जनता का विश्वास बढ़ा लेकिन तब तक पूर्व में एसओजी में रह चुके मनोज सिंह की पत्नी के साथ बिहार के रहने वाले लोगों ने पांच लाख की टप्पे बाजी कर मौके से फरार हो गए और उसी दिन पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने रायबरेली जिले की कमान संभाली थी उन्होंने इस घटना का खुलासा करने की जिम्मेदारी सीओ सिटी वंदना सिंह के हाथों में सौंपी और सीओ सिटी ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए इस घटना का खुलासा 4 दिन में करते हुए 5 लोगों को हिरासत में लिया जो मूल रूप से बिहार के रहने वाले थे जिनके पीछे कई जनपद की पुलिस भी पड़ी थी लेकिन उन्हें सलाखों के पीछे नहीं भेज सकी थी लेकिन जिम्मेदारी के साथ काम करने वाली सीओ सिटी ने उन पांच अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा ही नहीं बल्कि पांच लाख की रिकाबरी भी की जिसके बाद अब तक रायबरेली शहर में टप्पेबाजी की कोई भी घटना नहीं हुई इससे ये बात साबित होती है की नगर क्षेत्राधिकारी का काम करने का अंदाज उन्हें सबसे अलग रखता है जिस घटना का खुलासा कोई न कर सके उस घटना में अगर क्षेत्राधिकारी वंदना सिंह ने जिम्मेदारी संभाल ली तो घटना का खुलासा होने में समय नहीं लगेगा