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ब्यूरो रिपोर्ट जगदीश तिवारी

चंद पैसों की लालच में भ्रष्ट अधिकारियों ने बेंच दिया अपना ईमान*नसीराबाद रायबरेली/ सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योजनाओं में विद्यालयों की सूरत बदलने के लिए कायाकल्प जैसे विभिन्न योजनाओं में लाखों करोड़ों रुपए का बजट पेश कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर सरकार के मंसूबों पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं जिम्मेदार विभागीय अधिकारी अगर आपको भ्रष्टाचार देखना है तो आप छतोह आईए यहां पर आपको एक दो विभागों में नहीं बल्कि जितने सरकारी विभाग हैं सब में भ्रष्टाचार देखने को मिलेगा क्योंकि यहां विकास के नाम पर विकास नहीं किया जाता अपनी जेबें भरी जाती है वह चाहे सड़क मरम्मत हो या नवीनीकरण या ग्राम पंचायतों में विकास कार्य के नाम पर हो रही खाना पूर्ति कर सरकार का धन हजम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा जाता इस बार शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार देखने को मिला है क्योंकि कुछ सरकारी प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जिनमें अध्यापक ही नहीं आते विद्यालय शिक्षा मित्रो के जिम्मे छोड़कर आराम फरमाते हैं और उनका माह भर का वेतन खातों में पहुंच जाता है अब यह कैसे किया जा रहा है यह तो अध्यापक जाने या फिर छतोह खंड शिक्षा अधिकारी छतोह में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी मजबूत है कि कोई सरकारी जिम्मेदार मुलाजिम देखने और बोलने की चाहत तक नहीं जुटा पाता बात करें तो खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मात्र आधा किलोमीटर की दूरी पर राजकीय इंटर कॉलेज छतोंह में पीले ईटो से कंप्यूटर रूम बनाया जा रहा है मौजूद अध्यापकों ने बताया कि यह कंप्यूटर लैब रूम बन रहा है जो ठेकेदार द्वारा बनवाया जा रहा है जब यह पूछा गया कि यह कितनी लागत से बन रहा है और पीले ईंटों से क्यों बन रहा है तो मौजूद अध्यापकों की बोलती बंद हो गई और कहा कि हम इस बारे में कुछ नहीं बता सकते बनाने वाला ठेकेदार या फिर अधिकारी जाने बस यही जवाब देते हुए मौजूद अध्यापकों ने अपना किनारा खींच लिया ठेकेदार द्वारा मानक विहीन पीली ईंटों से कंप्यूटर लैब रूम कमरा बनाया जा रहा है जिम्मेदार अधिकारी कारवाही करने के बजाय बचते नजर आ रहे हैं और सवालों के जवाब देने से कतरा रहे हैं मामले में खंड शिक्षा अधिकारी छतोह विजय प्रकाश से बात करने की कोशिश की गई तो मोबाइल बंद बताया वही जिला विद्यालय निरीक्षक ओमकार राणा से बात किया गया तो बोले की मीटिंग में हूं अभी कॉल करता हूं जिसके बाद समाचार लिखे जाने तक फोन नहीं आया

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