शोपीस बना शौचालय बच्चे बाहर शौच को मजबूर
स्टेट क्राइम ब्यूरो चीफ जगदीश तिवारी की रिपोर्ट
केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की योगी सरकार जहां स्वच्छता के ऊपर पानी की तरह पैसा बहा रही है ।और नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लगा रहा है अमावा विकासखंड क्षेत्र में स्थित पूरे माचाल का पुरवा मंजरे सारीपुर गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय ।बच्चों को हमेशा सिखाया जाता है कि स्वच्छता अपनाते रहिए और गंदगी ना फैलाइए हमेशा स्वच्छ वातावरण में रहने की कोशिश कीजिए लेकिन यही बच्चे जब विभागीय उदासीनता और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही का खामियाजा उठाते देखे जा रहे हैं। पूरे मचाल का पुरवा मंजरे सारीपुर गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय का शौचालय और टॉयलेट इतना गंदा है कि आप वहां पर खड़े नहीं हो सकते शौचालय और टॉयलेट से इतनी अधिक बदबू आती है कि बच्चे शौचालय और टॉयलेट का इस्तेमाल नहीं करते और बाहर ही खुले में शौच के लिए विवश हैं ।कहते हैं विद्यालय वह पौधशाला होती है जहां से देश के सशक्त नागरिक निकालकर सामने आते हैं और देश के लिए ऐसे कार्य कर जाते हैं कि उनका और देश का समूचे विश्व में नाम होता है बच्चे कुम्हार की उस मिट्टी की तरह होते हैं आप जो उन्हें सिखाएंगे वही वह सीखेंगे और अपने जीवन मे वैसा ही कार्य करेंगे। प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक और गांव के जनप्रतिनिधि की लापरवाही का नतीजा है कि आज बच्चे खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैंऔर टॉयलेट तो विद्यालय में बना हुआ है लेकिन वह किस काम का जब उसका कोई उपयोग ही नहीं हो रहा है लाखों की लागत से बनाया हुआ टॉयलेट महज शोपीस बनकर रह गया है।
इनसेट_जब सरकार ने इतना पैसा खर्च किया है तो आखिर शौचालय और टॉयलेट का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाता जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा खर्चे तो कर दिया जाता है लेकिन जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से लाखों की लागत से बनी इन बिल्डिंगों का क्या मतलब रह जाता है जब इनका उपयोग ही नहीं करना।