दिल्ली सल्तनत की बागडोर संभालने वाली पहली महिला, रजिया सुल्तान, के शासन का अंत एक दर्दनाक हादसे से हुआ. कुछ रूढ़िवादी रईसों के विरोध का सामना करने के बाद, उसे उसके अपने भाई ने ही गद्दी से उतार दिया और कैद कर लिया. लेकिन रजिया हार मानने वाली नहीं थीं. उन्होंने भटिंडा के गवर्नर, मलिक अल्तूनिया से शादी की और साथ मिलकर सिंहासन वापस पाने के लिए एक सेना खड़ी कर ली.
दुर्भाग्य से, उनकी यह कोशिश असफल रही. दिल्ली के पास हारने के बाद, वे अपने घटते हुए बलों के साथ कैथल की ओर पीछे हट गईं. उनकी मृत्यु का सही विवरण अब भी अस्पष्ट है. कुछ स्रोतों का कहना है कि उन्हें 13 अक्टूबर, 1240 को उनके पीछा करने वालों ने पकड़ लिया और मार डाला गया, जबकि अन्य दावा करते हैं कि भागते समय उन्हें डाकुओं ने खत्म कर दिया.
हालांकि पूरी कहानी स्पष्ट नहीं है, पर ये बात जरूर है कि रजिया सुल्तान की मृत्यु ने दिल्ली में एकमात्र महिला शासन के अंत को चिन्हित किया, जिसने भारतीय इतिहास पर एक गहरी छाप छोड़ी.