मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित 138 कैदियों ने फाइलेरियारोधी दवा खाई
स्टेट क्राइम ब्यूरो चीफ जगदीश तिवारी की रिपोर्ट
रायबरेली, 11 अगस्त 2023। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में 10 से 28 अगस्त तक आईडीए अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत फ़ाइलेरियारोधी दवा का सेवन पात्र लाभार्थियों को कराया जा रहा है। इसी क्रम में शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह ने फाइलेरिया रोधी दवाएं आइवरमेक्टिन, डाईइथाइल कार्बामजीन और एल्बेंडाजोल का सेवन किया।
दवा सेवन के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जनपदवासियों से अपील की कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता जब भी घर पर फाइलेरियारोधी दवा का सेवन कराएं, सेवन अवश्य करें। किसी भी प्रकार का बहाना न बनाएं। दवा पूरी तरह सुरक्षित है।
उन्होंने कहा कि फाइलेरिया को हाथी पाँव के नाम से भी जाना जाता है जो कि मच्छर के काटने से होती है। यह बीमारी लाइलाज है। अगर हो गयी तो ठीक नहीं होती है केवल इसका प्रबंधन ही किया जा सकता है। यह व्यक्ति को आजीवन दिव्यांग बना देती है। इस बीमारी का एक ही इलाज है वह है फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करना। इसलिए स्वयं भी दवा का सेवन करें और परिवार को आस पड़ोस के लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करने के लिए प्रेरित करें। यह दवा एक साल से काम आयु के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को छोड़कर सभी को करनी है। खाली पेट फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन नहीं करना है।
इस मौके पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डी.एस.अस्थाना ने फाइलेरियारोधी दवा का सेवन किया और कहा कि अभी तक दवा सेवन के दुष्प्रभाव का कोई भी केस नहीं आया है। उन्होंने कहा कि फाइलेरियारोधी दवा के सेवन से किसी किसी व्यक्ति में जी मिचलाना, उलटी और चक्कर की समस्या हो सकती है। इसका तात्पर्य यह कि उस व्यक्ति में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद हैं। फाइलेरियारोधी दवा सेवन के बाद इन परजीवियों के मरने के कारण यह प्रतिक्रिया होती है जो कि अपने आप ठीक हो जाएगी
इसी क्रम में जिला कारागार में 138 कैदियों ने भी फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन किया। जिला कारागार में सामूहिक दवा सेवन के दौरान सहायक मलेरिया अधिकारी अनिल क्रिस्टोफर मेसी, मलेरिया निरीक्षक चंदन दुबे, एच आई एन एस देहरादून से प्रोफेसर डॉ नेहा शर्मा वह वहां के छात्र राहुल डरगी सूरज गार्गी त्यागी एम्स ऋषिकेश से डॉक्टर निसर्ग पीसीआई से अनुराधा चंद्रा, रजत श्रीवास्तव स्वयंसेवी संस्था पाठ से डॉक्टर पूजा धुले एम्स रायबरेली से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अभय सिंह आदि उपस्थित रहे।