“जल है तो कल है” जल-संकट का समाधान जल के संरक्षण से ही है
हम हमेशा से सुनते आये हैं “जल ही जीवन है”। जल के बिना सुनहरे कल की कल्पना नहीं की जा सकती, जीवन के सभी कार्यों का निष्पादन करने के लिये जल की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर उपलब्ध एक बहुमुल्य संसाधन है जल, या यूं कहें कि यही सभी सजीवो के जीने का आधार है जल। धरती का लगभग तीन चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है, किन्तु इसमें से 97% पानी खारा है जो पीने योग्य नहीं है, पीने योग्य पानी की मात्रा सिर्फ 3% है। इसमें भी 2% पानी ग्लेशियर एवं बर्फ के रूप में है। इस प्रकार सही मायने में मात्र 1% पानी ही मानव के उपयोग हेतु उपलब्ध है।
यह विचार पद्मश्री जल योद्धा उमाशंकर पाण्डेय ने विकास खण्ड तिन्दवारी के सभागार में आयोजित अटल भूजल योजना के अंतर्गत जल कोष यात्रा 2024 के दौरान विचार गोष्ठी में कही। यात्रा का स्वागत ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि अजय प्रताप सिंह, जिला प्रशिक्षण अधिकारी ज्ञानेन्द्र सिंह, खण्ड विकास अधिकारी रामखेलावन, हाइड्रोलॉजिस्ट/नोडल अधिकारी अटल भूजल योजना श्वेता गुप्ता, यूनाँप्स के डिस्ट्रिक्ट कन्सलटेंट आशीष सिंह, साकेत श्रीवास्तव, एस.पी.एम.यू. ने संयुक्त रूप से किया तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत राजकीय हाई स्कूल, बडोखरबूजुर्ग की बच्चियों द्वारा स्वागत गीत के माध्यम से किया गया। जिला प्रशिक्षण अधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह ने सम्मानित अतिथियों का स्वागत करते हुए सभी से आह्वान किया कि जल के बिना जीवन की कल्पना अधूरी है। कार्यक्रम मे अतिथि के रूप में उपस्थित जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद ने कहा जल बनाया नही बचाया जा सकता है इसकी सुरक्षा सरकार नही समाज करेगा आज इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं देता हूँ एक जिम्मेदार व्यक्ति के नाते जहां भी हमारी जल संरक्षण एवं सवर्धन मे जब भी हमारी जरूरत पडे हम आपके साथ खडा मिलूंगा। इसी क्रम मे ब्लॉक प्रमुख सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि किसान अपनी आमदनी बढाने के लिए वृक्षारोपण अवश्य करे तथा खेत की मेडो पर फलदार और इमारती पौधे लगाए।
अशोक श्रीवास्तव, कृषि वैज्ञानिक चंचल सिंह, वरिष्ठ समाज सेवी इ. ओमप्रकाश मसुरहा ने कहा कि जल संरक्षण की ही महत्ता है कि कभी सूखा से प्रभावित यह क्षेत्र आज बासमती धान का कटोरा बन रहा है और पलायन रूका है। यात्रा के दूसरे चरण मे बेंदा ग्राम पंचायत के अमृत सरोवर तालाब पर ब्लॉक प्रमुख एवं पद्म उमाशंकर पाण्डेय द्वारा पूजन तथा वृक्षारोपण कर अच्छी वर्षा के लिए वरुण देवता का आह्वाहन कर मानव श्रंखला बनायी गयी एवं जल चौपाल लगाकर नुक्कड़ नाटक व कठपुतली के माध्यम से गांव वालों को मनोरंजन करते हुए जल की उपयोगिता और उसके संरक्षण के लिए जागरूक किया गया। नोडल अधिकारी अटल भूजल योजना श्रीमती श्वेता गुप्ता ने कहा कि हमारा आज का प्रयास इस पीढी के भविष्य के लिए है जिसमे राज और समाज का पूरा सहयोग अपेक्षित है। कार्यक्रम मे आभार प्रकट करते हुए ग्राम प्रधान बेंदा ने कहा कि तन मन धन से जल संरक्षण के क्षेत्र मे एक आदर्श गांव बनाऊंगा जिसमें इस गांव के प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी रहेगी। कार्यक्रम में ए.डी.ओ. पंचायत, पंचायत सेक्रेटरी, सन्तोष गौतम, रामप्रकाश गर्ग, प्रधानाध्यापक, एग्रीकल्चर एक्सपर्ट रविकांत उपाध्याय, ब्लॉक कोआर्डिनेटर, डी.आई.पी. प्रतिनिधि, जलवीर, प्रगतिशील किसान एवं समूह की महिलाओं का सराहनीय योगदान रहा। कार्यक्रम का सफल संचालन आई.ई.सी. एक्सपर्ट अखिलेश पाण्डेय ने किया।