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दिव्यांग लड़के के साथ हुई मारपीट अपराधी अभि भी पुलिस के गिरफ्त से बाहर
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत कछौड़ निवासी रवि साहू आत्मज शिवनाथ साहू के साथ मारपीट का मामला सामने आया है मिली जनकारी के अनुसार बगल में ही निवासरत महेश प्रताप सिंह एवं उसके दोनो पुत्र विनय प्रताप सिंह, मयंक प्रताप सिंह ने रात लगभग 9:30 बजे रवि साहू घर में आ कर मारपीट की रवि साहू ने बताया कि मै कृष्ण विषर्जन के पश्चात नाका के समीप यात्री प्रतीक्षालय में अपने मित्रों के साथ बैठा था मुझे वहां बैठा देख मयंक ने मेरे मां एवं बड़े भाई को घर आकर बताया कि रवि दारू के नशे में चूर है उल्टी कर रहा है जब मैं घर आया तो मां मुझे डांटने लगी तो मैं पूछा की तुम्हें कौन ऐसा झूठ बात बतलाया है ,तभी महेश प्रताप सिंह मेरे घर के सामने आ गया और बोला किसके बारे में बोल रहा है तो मैं बोला जो बताया है मेरी मां को झूठ उसको पूंछ रहा हूं, इतने में ही वो आवाज लगा कर अपने दोनों बेटों को बुलाया और मुझे घर से खींच के मारने बोला और तीनों ने मुझे खींच कर घर के बाहर ताबड़ तोड़ पिटाई करने लगे मेरे शरीर एवं चेहरे आंख में बहुत गंभीर चोटें आईं बीच बचाओ में आए मेरे भाई संतोष साहू और पड़ोसी बब्बल के साथ भी मारपीट किए मुझे तो मार के बेहोश कर दिए तब पड़ोस के कुछ लोग आ कर मेरी जान बचाई , पूरे मामले की शिकायत मैं दिनांक 3/9/24 को रात लगभग 10 बजे केल्हारी थाना में कर चुका हूं।
अब सवाल यह उठता है कि 4 दिवस तक तीनो अपराधी आजाद घूम रहे हैं आखिर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया किसके दवाब में पुलिस कार्यवाही में कोताही बरत रही है जबकि तीनों दोषी का पुलिस थाना केल्हारी में पहले भी अलग अलग मामले में केस दर्ज हो चुका है जिसमें मयंक प्रताप के ऊपर कई मामले हैं, जिसमें चोरी, हाफ मर्डर, छेड़ छाड़ जैसे अलग अलग कई धाराओ में पुर्व में दोषी करार हो जेल भी जा चुका है ,वही महेश प्रताप को भी गांजा के मामले में जेल की हवा खानी पड़ी हैं। और विनय प्रताप सिंह जो अपने आप को भाजपा यूआ मोर्चा का नेता भी बताता है उसके ऊपर भी धारा 307 जैसे हाफ मर्डर एवं अन्य मारपीट के अपराधिक केस में जेल हो चुका है। ऐसे दोषियों को केल्हारी पुलिस आखिर किस कारण से गिरफ्तार अब तक नही कर पा रही है। यह विचारणीय प्रश्न है और कहीं न कहीं बढ़ते अपराध में भी प्रश्न चिन्ह है ।अब देखना यह है कि केल्हारी पुलिस इस मामले में क्या कार्यवाही करती है क्या विकलांग रवि साहू को न्याय मिलेगा या मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहेगा जानने का विषय है।