केंद्र सरकार ने वन नेशन, वन इलेक्शन की कमेटी को लेकर नोटिफिकेशन जारी करते हुए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति बनाई है. जिसके बाद से ही देशभर की कई बड़ी राजनीतिक पार्टियां इसका विरोध करती नजर आ रही है. विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि वन नेशन, वन इलेक्शन पॉलिसी के आने से राज्यों की छोटी पार्टियां पूरी तरह से खत्म हो जाएंगी. ऐसे में उत्तर प्रदेश की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ने इस पॉलिसी का स्वागत किया है.
सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने इस पॉलिसी का समर्थन करते हुए कहा कि ‘यह नीति बहुत पहले बन जानी चाहिए थी… लेकिन कांग्रेस सरकार और अन्य सरकारें केवल इस पर चर्चा करती थीं…वन नेशन, वन इलेक्शन पॉलिसी के लागू होने पर चुनावों पर खर्च होने वाला ज्यादातर देश का पैसा देश के विकास में उपयोग किया जाएगा.’
उन्होंने अलग-अलग समय पर अलग-अलग राज्यों में होने वाले चुनाव के दौरान खर्च होने वाले सरकारी खजाने को नाजायज खर्च बताते हुए कहा कि ‘कभी इस स्टेट का चुनाव, कभी उस स्टेट का चुनाव होने पर देश के धन का नाजायज खर्च होता है.’ फिलहाल केंद्र सरकार की वन नेशन, वन इलेक्शन पॉलिसी को लेकर एक ओर जहां विपक्ष लगातार इस पर हमलावर होकर इसका विरोध कर रहा है. वहीं कई नेता इसे देश के विकास के लिए सही ठहरा रहे हैं.