आरटीआई ऐक्ट 2005 और आरटीई ऐक्ट 2009 को जमीनी स्तर पर लागू कराएगा राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन
— उत्तर प्रदेश के सभी जिलों से डेटा संग्रह।
प्रयागराज। विधायिका व न्यायपालिका चाहे लाख जतन कर ले लेकिन जब तक कार्यपालिका के अधिकारी भ्रष्टाचारमुक्त हुआ कर्तव्य परायण नहीं होंगे तब तक कोई भी कानून देश में लागू नहीं हो सकता जिसका उदाहरण संसद द्वारा पारित कानून आरटीआई ऐक्ट 2005 और आरटीई ऐक्ट 2009 का उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जिलों में लागू न हो पाना है। अब इन दोनों कानून को लागू कराने का बीड़ा उठाया है राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं भ्रष्टाचार नियंत्रण ब्यूरो ने।
उपरोक्त के बारे में जानकारी देते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व चेयरमैन आर के पाण्डेय एडवोकेट ने बताया कि विगत कई वर्षों में उनके द्वारा संग्रह किए गए डाटा के अनुसार उत्तर प्रदेश राज्य में अभी भी सभी जिलों में आरटीआई ऐक्ट 2005 और आरटीई ऐक्ट 2009 पूर्णतया लागू नहीं हो पाया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन इस संदर्भ में पूरे उत्तर प्रदेश के सभी जिलों से वर्तमान डेटा संग्रह कर रहा है और जल्दी ही वह इस संदर्भ में व्यापक अभियान चलाकर व कानूनी कार्यवाही के साथ संसद द्वारा पारित कानून आरटीआई ऐक्ट 2005 और आरटीई ऐक्ट 2009 को उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में जमीनी स्तर लागू कराएगा।