Tue. Dec 24th, 2024
IndiaShan Times YouTube Channel

गुरुकुल शिक्षा:- भारतीय शिक्षा प्रणाली का गौरवमयी इतिहास***

—देश-प्रेम की शिक्षा और संस्कारों का समागम है गुरुकुल शिक्षा—

—शीघ्र ही ब्राह्मण समाज के प्रदेश महामंत्री हरिशरण बाजपेई द्वारा होंगा श्री कन्या गुरुकुल रुद्रपुर तिलहर का कायाकल्प—

—सनातन संस्कृति और धरोहर को सहजने का केंद्र है गुरुकुल—

शाहजहाँपुर। गुरुकुल शब्द ‘गुरु’ और ‘कुल’ से बना है, जिसमें ‘गुरु’ का अर्थ है शिक्षक और ‘कुल’ का अर्थ है परिवार या स्थान। प्राचीन काल में गुरुकुलों का मुख्य उद्देश्य छात्रों को शास्त्र, वेद, उपनिषद और जीवन के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं से परिचित कराना था। गुरु, जो शिक्षक होते थे, विद्यार्थियों को अपनी देखरेख में शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक रूप से तैयार करते थे। गुरुकुल शिक्षा भारतीय संस्कृति और ज्ञान का एक अभिन्न हिस्सा रही है। यह प्राचीन शिक्षा प्रणाली, जो वेदों, उपनिषदों, संस्कृत और भारतीय दर्शन पर आधारित थी, ने सदियों तक भारतीय समाज के शैक्षिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखा। गुरुकुल में शिक्षा का मुख्य उद्देश्य न केवल ज्ञान देना था, बल्कि छात्र में नैतिकता, चरित्र निर्माण और जीवन के उद्देश्य को समझने की गहरी समझ पैदा करना भी था। गुरुकुलों में सिर्फ शैक्षिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि जीवन के मूल्यों को भी सिखाया जाता था। विद्यार्थियों को सत्य, अहिंसा, दया, सहनशीलता, और आत्मनियंत्रण जैसे मूल्यों का पालन करने की शिक्षा दी जाती थी। प्राचीन गुरुकुलों में वेद, संस्कृत, गणित, खगोलशास्त्र, आयुर्वेद, संगीत, और कला जैसे विविध विषयों पर गहन अध्ययन किया जाता था। गुरुकुल शिक्षा का उद्देश्य छात्रों को हर दृष्टिकोण से समृद्ध बनाना था। जनपद के तिलहर क्षेत्र में क्रियान्वित गुरुकुल शाखा में पहुँचने पर परिसर की दिखने वाली मनोहारी छटा अवर्णनीय है। यहां पर धर्मशास्त्र की पढ़ाई से लेकर अस्त्र की शिक्षा भी सिखाई जाती है। उपरोक्त सभी शब्दों को सार्थक करती गुरुकुल की इस संस्था के विकास हेतु कार्यदायी समिति बेहद गंभीर है। रविवार को श्री कन्या गुरुकुल रुद्रपुर तिलहर में कार्यदायी समिति की बैठक हुई। बैठक को संबोधित करते हुए समिति के सदस्य हरिशरण बाजपेयी ने कहा कि संस्था के चहुँमुखी विकास हेतु समिति गंभीर है। संस्था के सम्पूर्ण विकास हेतु सभी प्रयास किये जायेंगे। बैठक मे कौशल मिश्रा, अमित बाजपेई उर्फ रिंकू एडवोकेट, शिव शर्मा फौजी,आचार्य अभिनव आर्य आदि ने विचार व्यक्त किए। पीके वर्मा, प्रताप सिंह, सत्य प्रकाश वर्मा,वेदप्रभा, मुन्ना सिंह, राजेन्द्र सिंह आदि सदस्यों की गरिमामय उपस्थिति रही।

यदि आप भी इस पुण्य के कार्य के भागी बनना चाहते है तो इस गुरुकुल के कायाकल्प हेतु सहयोग अवश्य करे।
सहयोग हेतु संपर्क करे:- 9455031681

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *