बच्चों के साथ लैंगिक अपराधों को रोकने के लिए अभिभावकों को स्वयं करनी होगी देख-रेख : अर्चना मिश्रा
बुधवार 28 फरवरी 2024 को ग्रामीण परम्परा विकास संस्थान, चित्रकूट व कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउण्डेशन के सहयोग से लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 पर एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन होटल एस.एस.रेजीडेन्सी बांदा में किया गया। इस कार्यक्रम में बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष अर्चना मिश्रा, सदस्य अम्बरीश श्रीवास्तव, बाल संरक्षण अधिकारी राजीव सिंह, बेशिक शिक्षा विभाग से जितेन्द्र, अधिवक्ता विद्याधर पटेल, ग्रामीण परम्परा विकास संस्थान चित्रकूट के अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव व परियोजना निदेशक श्रवण कुमार ने मंच को साझा किया। कार्यक्रम का संचालन ज्ञानेश्वर प्रसाद ने किया।
कार्यक्रम के निदेशक श्रवण कुमार ने मई 2023 से 31 जनवरी 2024 तक किए गए कार्यो का प्रस्तुतीकरण किया। विद्याधर पटेल अधिवक्ता ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 का परिचय देते हुए बताया कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के साथ हो रहे यौन शोषण को रोकने और बच्चों के संरक्षण व सुरक्षा के लिए बनाया गया है। अर्चना मिश्रा अध्यक्ष बाल कल्याण समिति, बांदा ने बताया कि बाल विवाह व लैंगिक अपराध/बाल यौन शोषण दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। बाल यौन शोषण का मूल कारण डिजिटल इण्डिया, कच्ची उम्र का प्रेम और बच्चियों का घर से पलायन प्रमुख हैं। बच्चियां कच्ची उम्र के प्रेम में पडकर अपने घरो से किसी के साथ भाग जाती है और बाहर जाने पर विभिन्न प्रकार के शोषण का शिकार होना पडता है और ऐसी स्थिति में यदि कोई नाबालिग लडकी गर्भवती हो जाती है तो उनके जो बच्चे पैदा होते है उनको समाज स्वीकार नहीं करता है। बच्चों के साथ ऐसे अपराधों को रोकने के लिए अभिभावकों को स्वयं निगरानी और देख-रेख को बढाना होगा। अम्बरीश, बाल कल्याण समिति के सदस्य ने बताया कि बच्चों के साथ हो रहे अपराधों को रोकने के लिए गाॅव के प्रत्येक सदस्य तक बच्चों के लिए सरकार द्वारा बनाए गए अधिनियम व योजनाओं के बारे में जानकारी पहुॅचाना होगा। बेसिक शिक्षा विभाग से आए हुए जितेन्द्र ने बताया कि बच्चों के साथ हो रहे अपराधों को रोकने/कम करने के लिए हमें अपने आप को बदलकर समाज में बदलाव लाने की आवश्यकता है। कार्यशाला का समापन इस कार्यशाला की अध्यक्ष्ता कर रहे अशोक श्रीवास्तव द्वारा सभी का आभार व धन्यवाद ज्ञापित करते हुए किया। इस कार्यशाला में ग्रामीण परम्परा विकास संस्थान चित्रकूट के विनोद कुमार, योगेश प्रताप सिंह, धर्मेन्द्र कुमार, ज्ञानेश्वर प्रसाद, शिवकुमार, सन्तोष बाबू, सन्तोष कुमार वर्मा, ललता देवी ग्राम प्रधान, स्वयं सहायता समूह के सदस्य व अन्य सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।