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कमीशनखोरी का यह कैसा खेल, जिम्मेदार कर रहे शासन का नाम बदनाम?

कमीशनखोरी की खबरों का यह कोई पहला मामला नहीं है, वहीं कमीशन के कई मामले सुर्खियों में आए दिन बने रहते हैं। इसी से जुड़ा एक और मामला प्रकाश में आया है जिसके अंतर्गत ग्राम प्रधान ने सचिव के ऊपर कमीशन मांगे जाने की बात कही है।
दरअसल यह पूरा मामला बांदा जनपद के बड़ोखर ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पंचायत जौरही से सामने आया है जहां की संचालित अस्थाई गौशाला में गौ रक्षा समिति जिला अध्यक्ष अपनी टीम के साथ वहां निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान ग्राम प्रधान ने अपनी आप बीती जिला अध्यक्ष को बताई। ग्राम प्रधान ने कहा कि ग्राम पंचायत सचिव द्वारा अक्टूबर में आए गौशाला के 3 लाख के फंड में से तीस हजार कमीशन लिया था और अब नवंबर माह में गौशाला का चार लाख फंड आया हुआ है जिसमें से एक लाख ग्राम पंचायत सचिव द्वारा मांगा जा रहा है। ग्राम प्रधान ने बताया कि कमीशन के कारण गौशाला में समुचित खाने-पीने की व्यवस्था नहीं हो पाती है बल्कि कर्ज में पैसा लेकर गौशाला चलानी पड़ती है। आगे ग्राम प्रधान ने बताया कि सचिव का कहना है कि हमें उच्च अधिकारियों को भी कमीशन देना पड़ता है इसलिए आपको हमें भी कमीशन देना पड़ेगा अन्यथा की स्थिति में गौशाला का चेक नहीं देंगे। ग्राम प्रधान ने परेशान होकर गौ रक्षा समिति के पदाधिकारीयो को सूचना दी जिससे नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला अध्यक्ष महेश कुमार प्रजापति ने कहा कि इन्हीं सब कमीशन खोरी के चक्कर में गोवंश भूख से मरता है और गौशाला में कोई उचित व्यवस्था नहीं हो पाती।
जिलाध्यक्ष ने आगे कहा कि उच्च अधिकारियों से लेकर निम्न अधिकारियों तक कमीशन की होड़ मची हुई है। बांदा जिले में अधिकतर गौशालाओ में कमीशन के कारण गौशालयों की स्थिति दयनीय बनी हुई है और इन्ही सबके कारण प्रदेश के मुख्यमंत्री की छवि खराब हो रही है। जबकि उनके द्वारा हर महीने गौशाला के लिए फंड भेजा जा रहा है। इस दौरान गौ रक्षा समिति अध्यक्ष ने मांग करते हुए कहा की ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के ऊपर उचित कार्रवाई की जाए, जिससे दोबारा ऐसी स्थिति उत्पन्न ना हो और गौवंशो को उनका हिस्से का चारा पानी आदि व्यवस्थाएं मिल सकें।

कमीशनखोरी की खबरों का यह कोई पहला मामला नहीं है, वहीं कमीशन के कई मामले सुर्खियों में आए दिन बने रहते हैं। इसी से जुड़ा एक और मामला प्रकाश में आया है जिसके अंतर्गत ग्राम प्रधान ने सचिव के ऊपर कमीशन मांगे जाने की बात कही है।
दरअसल यह पूरा मामला बांदा जनपद के बड़ोखर ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पंचायत जौरही से सामने आया है जहां की संचालित अस्थाई गौशाला में गौ रक्षा समिति जिला अध्यक्ष अपनी टीम के साथ वहां निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान ग्राम प्रधान ने अपनी आप बीती जिला अध्यक्ष को बताई। ग्राम प्रधान ने कहा कि ग्राम पंचायत सचिव द्वारा अक्टूबर में आए गौशाला के 3 लाख के फंड में से तीस हजार कमीशन लिया था और अब नवंबर माह में गौशाला का चार लाख फंड आया हुआ है जिसमें से एक लाख ग्राम पंचायत सचिव द्वारा मांगा जा रहा है। ग्राम प्रधान ने बताया कि कमीशन के कारण गौशाला में समुचित खाने-पीने की व्यवस्था नहीं हो पाती है बल्कि कर्ज में पैसा लेकर गौशाला चलानी पड़ती है। आगे ग्राम प्रधान ने बताया कि सचिव का कहना है कि हमें उच्च अधिकारियों को भी कमीशन देना पड़ता है इसलिए आपको हमें भी कमीशन देना पड़ेगा अन्यथा की स्थिति में गौशाला का चेक नहीं देंगे। ग्राम प्रधान ने परेशान होकर गौ रक्षा समिति के पदाधिकारीयो को सूचना दी जिससे नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला अध्यक्ष महेश कुमार प्रजापति ने कहा कि इन्हीं सब कमीशन खोरी के चक्कर में गोवंश भूख से मरता है और गौशाला में कोई उचित व्यवस्था नहीं हो पाती।
जिलाध्यक्ष ने आगे कहा कि उच्च अधिकारियों से लेकर निम्न अधिकारियों तक कमीशन की होड़ मची हुई है। बांदा जिले में अधिकतर गौशालाओ में कमीशन के कारण गौशालयों की स्थिति दयनीय बनी हुई है और इन्ही सबके कारण प्रदेश के मुख्यमंत्री की छवि खराब हो रही है। जबकि उनके द्वारा हर महीने गौशाला के लिए फंड भेजा जा रहा है। इस दौरान गौ रक्षा समिति अध्यक्ष ने मांग करते हुए कहा की ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के ऊपर उचित कार्रवाई की जाए, जिससे दोबारा ऐसी स्थिति उत्पन्न ना हो और गौवंशो को उनका हिस्से का चारा पानी आदि व्यवस्थाएं मिल सकें।

By admin

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