जिला एम सी बी/जनकपुर
ब्यूरो रिपोर्ट
जनपद पंचायत सॉपिंग कॉम्प्लेक्स के दुकान में अवैध वशुली का बोलबाला
गौरतलब है कि जनकपुर भरतपुर की जनपद पंचायत की सोपिंग कॉम्प्लेक्स की दुकान को अमानत राशि लेकर जनपद पंचायत द्वारा दुकान उचित रेट पर किराए से दिया गया है।। लेकिन जनकपुर जनपद पंचायत में जो खुद का स्वयं व्यवसाय ठेला त्रिपाल लगाकर कर रहे व्यापार्री को दुकान आबंटन नही किया गया है। जबकि सासन का दिशा निर्देश रहता है कि छोटे व्यापारी जिनकी हैसियत नहीं है जमीन खरीदकर दुकान बनाने की उन्हें प्राथमिकता देकर दुकान दिया जावे। लेकिन यहां तो जिन्हे दुकान मिला है वो जनपद पंचायत की किराया दर से 5गुना ज्यादा राशि में दुकान को किराया से अन्यंत्र व्यक्ति को दे दिए हैं।। जबकि दुकान किराए से देते समय आवश्यक जनपद पंचायत से निर्देश रहता है कि जिनके नाम से दुकान आबंटित हुई है उन्ही को खुद का दुकान खोलना है।। यदि वो किसी अन्य व्यापारी को किराए से दुकान को देता है तो दुकान दार पर सक्त कार्यवाही करते हुए दुकान जनपद पंचायत अपने अधीन कर लेगी।। लेकिन सालो से जनकपुर में सापिंग कांप्लेक्स की दुकान में किराया अवैध तरीके से वसूल रहे लोगो पर कार्यवाही करने से बच रही जनपद पंचायत भरतपुर/जनकपुर रसूखदार लोगो के कारण कार्यवाही नहीं कर पा रही है जनपद पंचायत के आला अधिकारी।। दुकान क्रमांक 13जो की नीलिमा चतुर्वेदी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के नाम पर है उस दुकान में विकास इलेक्ट्रानिक दुकान खुला हुआ है। अब सवाल क्यू ना किया जाए एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के नाम दुकान कैसे आवंटित किया गया। क्या सो रहा था पूरा जनपद महकमा भ्रष्टाचार इस हद तक क्यू करने को मजबूर जनपद के आला अधिकारी।। जबकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को महीने के 26दिन ड्यूटी में रहना होता है तो कैसे दुकान इनके नाम पर दिया गया ये सवाल पूछता है स्वतंत्र पत्रकार।।
दुकान क्रमांक 9 जो की महिला स्व सहायता समूह अध्यक्ष रंजीता के नाम पर है।।दुकान को वो भी किराए से नरेंद्र पांडेय को दे दी है जहां सिलाई सेंटर चल रहा है सूत्र बताते हैं वो भी ज्यादा रेट पर किराए से दी हुई है।
दुकान क्रमांक आठ पूजा/पति सूर्यपाल के नाम में है लेकिन वंदना सिलाई सेंटर खुला है वो भी निर्धारित रेट से ज्यादा में किराए से दी हुई है।।
अब सवाल क्यू ना किया जाए आखिर जनपद पंचायत के सामने उनके अधिकारी रोजाना देखते हुए भी चुपचाप मौन धारण कर बैठे हैं तो उनके कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा है या यूं कहा जाए की जनपद पंचायत के इशारे मे ही दुकान चल रहा है।।
क्या अब करेगी इन दुकानदारों पर कार्यवाही यह बहुत बड़ा सवाल है।।
अब देखना होगा यह खबर प्रकाशित होने के बाद जनपद पंचायत के आला अधिकारी ऐसे भ्रष्ट दुकानदारों पर क्या कार्यवाही करती है।।