योगी सरकार का भी आदेश नहीं मानते त्रिपुला फीडर के अधिकारी व कर्मचारी
त्रिपुला फीडर की लापरवाही का दंश झेल रहे 15,000 से अधिक बिजली उपभोक्ता
स्टेट क्राइम ब्यूरो चीफ जगदीश तिवारी की रिपोर्ट
रायबरेली में योगी सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहा त्रिपुला फीडर यहां के जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारीयों की मनमानी रवैया व लापरवाही से लगभग 15,000 से अधिक विद्युत उपभोक्ताओं को इस संवेदनहीन रवैया का दंश झेलना पड़ रहा है। एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ लगातार विद्युत व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने के लिए लाखों करोड़ों रुपये खर्च कर रही है,तथा सख्त निर्देशो के बाद भी विभाग के अधिकारी नींद से नहीं जाग रहे हैं। और इन आदेशों और निर्देशों को ताक पर रखकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि इस फीडर के कुछ जेई व कर्मचारी सिर्फ क्षेत्रों में घूम घूम कर वसूली कर रहे हैं।और नीचे से ऊपर तक अपनी अपनी जेब भर रहे हैं हाल ही शासन स्तर से जारी किए गए आदेश पत्र को भी दरकिनार कर लापरवाह व संवेदनहीन रैवया अपना रहे हैं।और उपभोक्ता का उत्पीड़न व वशूली में जुटे हुए हैं।जबिक योगी सरकार ने सख्त लहजे में कहा कि किसी भी बिजली उपभोक्ता का उत्पीड़न ना हो लेकिन यह आदेश बेअसर साबित हो गया है त्रिपुला फीडर के अंतर्गत आने वाले गांवों बरखापुर ,राही, उमरा, कसेहटी,सरायं मुगला, छराहरा, जैसे दर्जनों गांव के 15000 से अधिक उपभोक्ता सालों से इस फीडर के अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही का दंश झेल रहे हैं लेकिन बीते कई महीनों से यहां पर जिस तरह से बिजली विभाग का रवैया है वह बहुत ही दयनीय है शिकायत करने पर भी कोई कार्यवाही नहीं होती है स्थानीय लोगों ने 1912 पर भी सैकड़ों बार शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जबकि योगी सरकार ने कहा था गांव के लिए 18 घंटे और शहर के लिए 24 घंटे बिजली दी जाए लेकिन यहां तो 5 घंटे भी बिजली का ठीक से रहना यहां के निवासियों के लिए सौभाग्य की बात है किसी तरह बिजली आ भी जाती है तो बार-बार ट्रिप करती है जिसकी वजह से क्षेत्रीय लोगों के लाखों के इलेक्ट्रॉनिक सामान फूंक जाते हैं ।कभी तेज बिजली आ जाती है कभी डिम रहती है। कभी आती ही नहीं।यहां सरायं मुगला में लगा ट्रान्सफर भी ओवर लोड की वजह से फुंक जाता है जिसको सही करने में हप्तो लग जाते है। और इन उपभोक्ताओं के लगातार बिजली के बिल आ रहे हैं बिजली आए या ना आए इससे बिजली विभाग को कोई मतलब नहीं क्योंकि यहां पर भी ठेकेदारी की प्रथा चल रही है बिजली देना किसी और के हाथ में है बिजली का बिल वसूल करना किसी और के हक में हैं बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करना किसी और के हाथ में है। इन्हीं परेशानियों को लेकर क्षेत्रवासी सालों से परेशान हैं। बिजली विभाग के इस रवैया से क्षेत्रीय लोगों में रोष व्याप्त है उनका कहना है कि जल्द से जल्द अगर बिजली की व्यवस्था दुरुस्त ना हुई तो आंदोलन किया जाएगा