बैंक ऑफ़ बड़ौदा की घोर लापरवाही से साइबर अपराधियों ने हाईकोर्ट इलाहाबाद के अधिवक्ता बैंक उपभोक्ता के खाते से उड़ाए रुपए 49833.98
— पुलिस की निष्क्रियता और बैंक की मिलीभगत से साइबर अपराधियों के पौ बारह।
नैनी, प्रयागराज। बैंक ऑफ़ बड़ौदा शाखा नैनी के घोर लापरवाही तथा बैंक खाता धारकों की सुरक्षा के प्रति जानबूझकर की गई असावधानी से साइबर अपराधियों ने 7 मार्च 2024 को बैंक उपभोक्ता अधिवक्ता राजेश कुमार पाण्डेय के बैंक खाते से 13 मिनट के अंदर 8 ट्रांजैक्शन से कुल रूपये 49833 98 (उनचास हजार आठ सौ तैंतीस रूपए अठानबे पैसे) उड़ा दिए।
जानकारी के अनुसार उपरोक्त के संदर्भ में पीड़ित उपभोक्ता राजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि इस दौरान उनके द्वारा ना तो किसी से फोन से बात की गई व न ही किसी को कोई पासवर्ड अथवा ओटीपी शेयर किया गया इसलिए यह बेहद चौंकाने वाली बात है कि मात्र 13 मिनट के अंदर 8 बार में उनके खाते से कुल रूपए 49833.98 साइबर अपराधियों में कैसे उड़ाए? इससे भी बड़ी शर्मनाक व निंदनीय बात तो यह है कि तत्काल बैंक को सूचना देने, प्रभारी निरीक्षक थाना नैनी, डीसीपी यमुनानगर, पुलिस कमिश्नर प्रयागराज, प्रभारी साइबर क्राइम आदि को तुरंत शिकायत किए जाने तथा आईजी प्रयागराज, डीजीपी उत्तर प्रदेश, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, प्रधानमंत्री भारत सरकार, गृह मंत्री भारत सरकार आदि को अनेकों बार उनके ट्विटर व अन्य माध्यम से तथा प्रभारी निरीक्षक नैनी, डीसीपी यमुनानगर, पुलिस कमिश्नर प्रयागराज आदि को उनके व्हाट्सएप पर भी बार-बार सूचना दिए जाने, आईजीआरएस पर लिखित शिकायत करने, यूपीकॉप व 1930 पर शिकायत करने के बावजूद पुलिस ने और बैंक ने जानबूझकर 24 घंटे के अंदर कोई भी कार्यवाही नहीं की वह न ही कोई एफआईआर दर्ज किया गया। पुलिस द्वारा बहुत बिलंब से 24 घंटा बीत जाने के काफी देर बाद एफआईआर दर्ज की जिसका शिकायतकर्ता के अनुसार कोई मतलब नहीं रह गया क्योंकि शिकायतकर्ता को अपूर्णनीय क्षति हो चुकी है।
बता दें कि बैंक ऑफ बड़ौदा की घोर लापरवाही के संदर्भ में पूर्व में भी शिकायतकर्ता राजेश कुमार पाण्डेय व अन्य के द्वारा कई लिखित शिकायतें की गई थीं , बैंकिंग लोकपाल को भी शिकायत की गई थी व लीगल नोटिस भी दिया गया था लेकिन बैंक अपने एटीएम, पासबुक प्रिंटिंग मशीन, ग्राहकों की सुरक्षा, उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के प्रति लगातार उदासीन व लापरवाह बना रहा है। इस बावत पीड़ित बैंक उपभोक्ता राजेश कुमार पाण्डेय का कहना है कि वह अपने इस अपूर्णनीय क्षति की भरपाई के लिए अपने अंतिम सांस तक अपनी न्याय की लड़ाई जारी रखेंगे और इसी के साथ बैंक और पुलिस के घोर लापरवाही के खिलाफ भी विधिक कार्रवाई न्यायालय के ज़रिए सुनिश्चित कराएंगे।