उत्तरा कन्नड़ जिले के पश्चिमी किनारे पर, कर्नाटक राज्य में मीरजान का किला अपनी खूबसूरत बननावट के लिए मशहूर है। ये जगह गुजरे जमाने में कई लड़ाइयों का गवाह रही है। ये राष्ट्रीय राजमार्ग 66 से करीब आधा किलोमीटर और पश्चिमी भारत के मशहूर हिंदू धर्म के तीर्थस्थल गोवा से 21 किलोमीटर की दूरी पर है।
ऐसा माना जाता है कि 16वीं सदी में गेरसोप्पा की रानी चेन्नभैरदेवी (विजयनगर साम्राज्य के राज के दौरान) ने मीरजान किले को बनवाया था। वो 54 सालों तक रानी रहीं और इसी किले में रहीं भी। उनके राज के वक्त, करवार से 32 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित मीरजान का बंदर सूरत को काली मिर्च, शोरा और पान के पत्ते भेजने के लिए इस्तेमाल होता था। गेरसोप्पा, बेदनूर जिले का एक हिस्सा था, जो इस इलाके से बाहर भेजी जाने वाली काली मिर्च के लिए मशहूर था। इसलिए, पुर्तगालियों ने गेरसोप्पा की रानी को “रानी, काली मिर्च वाली रानी” (पुर्तगाली में “रैना डे पिमेंटा”) की उपाधि दी थी।