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रिसौरा गौशाला पहुंचे सीडीओ उमेश तिवारी और सोनू करवरिया ने की रिसौरा गौशाला हटाने की मांग

बाँदा जनपद में अक्सर खबरों मे बनी रहने वाली जिले की सबसे भ्रस्ट गौशाला को देखने जब अचानक मुख्य विकास अधिकारी एवं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी पहुंचे तो गांव के कई लोग उन्हें बेज़ुबान की मार्मिक पीड़ा को बताने लगे, तभी मौके पर विश्व हिन्दू गौरक्षा समिति के ब्लॉक अध्यक्ष उमेश तिवारी वहां आ गए और बताया की यहां ग्राम प्रधान एवं सचिव प्रेम नारायण कुशवाहा की मिलीभगत से गौवंशों के लिए आया हुआ पूरा सरकारी धन हड़प कर लिया जाता है और गौवंशों को मिलती है भूख से तड़प तड़पकर मौत । रिसौरा गौशाला के दुर्दशा की खबर आए दिन प्रकाशित होती रहती है। कई बार जिम्मेदार अधिकारी को विश्व हिन्दू गौरक्षा समिति के तहसील अध्यक्ष सोनू करवरिया के द्वारा बताने व लिखित शिकायतपत्र देने के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ जिससे तो यही प्रतीत होता है प्रधान पर किसी ना किसी की मेहरबानी है। सोनू करवरिया ने बताया की रिसौरा गौशाला मे आए दिन जानवर मरते हैं। मृत गौवंश को खुले मे छोड़ दिया जाता है। खाने मे सिर्फ पुआल दिया जाता है। पानी की टंकी हमेशा गन्दी पड़ी रहती है जिससे इस गौशाला के गौवंश दुबले पतले और स्किन रोग से ग्रसित रहते हैं। भूसा दिखावा मात्र के लिए रखा रहता है जब कोई अधिकारी या गौरक्षक पहुँचते है तभी थोड़ा बहुत डाला जाता है। कई बार तो यदि कोई गौरक्षक गौशाला के अंदर गौवंश को देखने के लिए अंदर जाना चाहता है। तो ग्राम प्रधान के द्वारा नियुक्त केयर टेकर उन्हें अंदर नहीं जाने देता ताकि गौशाला की कमियों को छिपाई जा सकें। आज मुख्य विकास अधिकारी एवं मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी के पहुँचने पर जब भूसा, कना, गुड डाला गया तो बेज़ुबान उस पर टूट पड़े और चाव से खाने लगे मानो कह रहें हो आप लोग रोज आइये तो हमें पेट भर भोजन मिल जाएगा। बेज़ुबान की पीड़ा को महसूस कर उमेश तिवारी ने अधिकारी से निवेदन किया की ऐसे गौहत्यारे सचिव व प्रधान से गौशाला छीन लिया जाए और इन बेजुबानो की व्यवस्था किसी ऐसे गौशाले मे किया जाए जहां इन्हें पेट भर भोजन मिल सके। ऐसे भ्रष्ट सचिव एवं प्रधान मुख्यमंत्री योगी जी के सकारात्मक पहल जिन्होंने गौवंशों के लिए करोड़ों का बजट भेजते हैं प्रधान और सचिव मिलकर मटियामेट कर रहें हैं। आज अधिकारी के आने के बावजूद गौशाला मे रजिस्टर तक मौजूद नहीं था जिससे देखा जा सकें कितने जानवर दर्ज है कितने बचें। कब कब कौन डॉक्टर आया कुछ पता चल सकें।लेकिन यहाँ तो रिकार्ड ही गायब रहा अब सीडीओ बांदा इस पर क्या कार्यवाही करते हैं देखने वाली बात होगी। य यूँ कहिए भबिस्य के गर्भ में है।

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