विद्युत विभाग के तानाशाही रवैया के एक से बढ़कर एक कारनामों के अंजाम आए दिन सामने आते रहते हैं। अब ऐसा ही एक मामला रायबरेली के ऊंचाहार तहसील क्षेत्र के। ग्राम पूरे जगत सिंह मेजर खरौली से निकलकर आया है। जहां। विद्युत विभाग के तानाशाही रवैया से नाराज होकर किसान छोटेलाल आत्महत्या करने को मजबूर हो गया है। जब हमने किसान छोटेलाल से बातचीत की और उसकी परेशानी जानने की कोशिश की तो उन्होंने बताया लगभग 10 साल पहले मेरा नलकूप लगा था जिसका ट्रांसफार्मर मेरे घर के चबूतरे पर लगाया गया था अब पड़ोस के किसान सुरेश कुमार यादव पुत्र दुर्गेश यादव निवासी पूरे निधन nidhaan मजरे खरौली इन्होंने लगभग तीन महीने पहले किसान होरीलाल के ट्यूबवेल से 80 मीटर दूर पर अपना नलकूप लगवाया था। जो की पूरी तरीके से मानक विहीन है। जबकि एक नलकूप से दूसरे नलकूप की दूरी कम से कम 100 मीटर की होनी चाहिए सुरेश कुमार का नलकूप लगने के बाद उन्होंने बिजली कनेक्शन के लिए। छोटे लाल के घर के बाहर लगा ट्रांसफार्मर में कनेक्शन लगाने को कहा तो किसान छोटेलाल ने कहा कि आपको कनेक्शन लेना है तो ट्रांसफार्मर थोड़ा मेरी घर से दूरी पर कर दें क्योंकि ट्रांसफार्मर मेरे घर के चबूतरे पर ही लगा हुआ है चबूतरे पर घर के बच्चे खेला करते हैं और रात को घर के लोग बाहर सोते हैं। choon ki क्यों कि ट्रांसफार्मर चबूतरे पर ही लगा हुआ है जिसकी वजह से किसी भी दिन कोई भी दुर्घटना घट सकती है फिर उसका जिम्मेदार कौन होगा बस इतना कहना ही था कि बीते 15 अप्रैल को लाइनमैन दिनेश कुमार और पड़ोसी दुर्गेश यादव हाइड्रा लेकर आए और छोटेलाल के चबूतरे पर लगा ट्रांसफार्मर को उतार कर जमीन पर रख दिया और बिना कुछ कहे चले गए बीते 13 – 14 दिनों से पीड़ित किसान छोटे लाल लगातार अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रहा है मगर आल अधिकारियों से महेज झूठे आश्वासन के अलावा छोटेलाल को कुछ नहीं मिल रहा
पीड़ित किसान छोटेलाल का कहना है कि पानी न मिलने की वजह से उसकी बोई हुई अलग-अलग कई किस्म की फासले पूरी तरीके से बर्बाद हो चुकी है बचे हुए और खेतों में फसल लगानी है लेकिन पानी न मिलने की वजह से वह फसल नहीं लगा पा रहा एक तो किसान पहले से ही छुट्टा जानवरों से परेशान है अगर फसल को किसी तरीके से बचा ले रहा तो खेतों की सिंचाई करने के लिए उसे बिजली नहीं मिल रही अब ऐसे में किसान करें तो क्या करे यही नहीं पीड़ित किसान छोटेलाल ने बताया कि सिर्फ उसी का नहीं बल्कि गांव के लगभग 15 लोगों के 30 दीघा खेतों को पानी इसी इसी ट्यूबवेल से मिलता है और पानी न मिलने की वजह से गांव के सभी किसान परेशान है और आम के पेड़ों को भी पानी न मिलने की वजह से आम सूखकर पेड़ों से गिरे जा रहे हैं। पानी का और कोई साधन न होने की वजह से रोजमर्रा की जरूरत के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है लगभग 1 किलोमीटर दूर गांव में जाकर हैंड पंप से पीने का पानी लाना पड़ रहा है। पीड़ित किसान छोटेलाल का कहना है कि मेरे घर से थोड़ी दूर पर ट्रांसफार्मर लगा दें और फिर चाहे जितने भी कनेक्शन दिया जाए मुझे कोई दिक्कत नहीं होगी अगर जल्द से जल्द मेरी यह समस्या दूर नहीं होगी तो मैं अपने परिवार के साथ जिला अधिकारी कार्यालय में धरना प्रदर्शन करूंगा अगर फिर भी बात ना बनी तो आत्महत्या करने को मजबूर हो जाऊंगा।