राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को दिलाई गई शपथ, दी गई जानकारियां
बांदा में गुरुवार 16 जून 2024 को डा0 अनिल कुमार श्रीवास्तव मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में मर्दन नाका बांदा में राष्ट्रीय डेंगू दिवस प्राथमिक विद्यालय मर्दन नाका के छात्रों को शपथ एवं जानकारी दे कर मनाया गया। पूजा अहिरवार जिला मलेरिया अधिकारी बांदा द्वारा जनसामान्य को अवगत कराया गया कि माह जून से अक्टूबर तक वेक्टर जनित रोगों को संक्रमण काल होता है। इस मौसम में मच्छर जनित बुखार डेगू फैलने की सम्भावना रहती है डेगू एडीज मच्छर की दो प्रजातियों एडीज एल्बोपिक्ट्स एवं एडीज एजिप्टाई से फैलता है। इस मच्छर का प्रजनन स्थल 01 सप्ताह से अधिक साफ ठहरा हुआ पानी, घरों के पात्रों में एकत्रित पानी है। डेगू बुखार एक कष्टदायक, शरीर को दुर्बल करने वाला मच्छर जनित रोग है और जो लोग दूसरी बार डेगू वायरस से संक्रमित हो जाते है उनमें गम्भीर बीमारी विकसित होने का काफी अधिक जोखिम होता है। डेगू बुखार के लक्षण मच्छर के काटने के पश्चात 04 से 10 दिनों के बाद बुखार के रूप में दिखाई देने लगते है। यह मच्छर दिन में काटता है और काला सफेद चित्तीदार दिखाई देता है। डेगू से बचने के लिये मच्छरों को काटने से बचें एवं घर तथा घर के आसपास साफ पानी एकत्रित न होने दें। जिला मलेरिया टीम द्वारा मर्दन नाका एवं डी0एम0कालोनी में घर-घर जा कर एडीज मच्छर के लार्वा की जॉच की एवं जल भराव वाले स्थानों एवं नालियों में लार्वा निरोधक दवा का छिडकाव किया गया।
लक्षण- अचानक तेज बुखार, ऑखों के पीछे दर्द, जोडो और मासपेसियों में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते पडना, प्लेटलेट्स तेजी से डाउन होना।
बुखार होने पर क्या करेंः-
1- सामान्य बुखार होने पर नजदीक के राजकीय चिकित्सालय /प्रा0स्वा0केन्द्र /सामुु0स्वा0केन्द पर रक्त की जांच एवं उपचार अवश्य करायें। कोई भी बुखार डेगू हो सकता है।
2- घर के कूलर, बाल्टी घडे़ तथा ड्रम का पानी, फ्रिज ट्रे, नारियल के खोल, ओवर हैड टैंक, गमले, पशु पक्षियों को रखे पानी के पात्र टायर एवं अनउपयोगी पात्रों को सप्ताह में खाली करते रहें।
3- घर के आस पास एवं गड्ढों में पानी एकत्रित न होने दे। पानी एकत्रित होने वाले स्थानों को मिट्टी से भर दे,
यदि सम्भव न हो तो कुछ बूंद जले हुए मोबिल आयल को अवश्य डाल दे।
4- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। शरीर पर मच्छर निरोधक क्रीम /नीम तथा सरसों के तेल का लेप खुले भागों पर लगायें, नीम की पत्ती का धुआं करें।
5- बच्चों को फुल बॉह के कपडें, जूते मोजे पहनायें।
क्या न करेंः-
1- घर के आस पास छत पर तथा आंगन में पडे़ पुराने बर्तनों, टायर, कूलर फूलदान, गमले में पानी इकट्ठा न होने दें। घर के आस पास कूड़ा एकत्रित न होने दें एवं सफाई पर ध्यान दें।
2- घर में यदि बुखार का रोगी है तो उसे बिना मच्छरदानी के न रहने दें अथवा ऐसे कमरें में रोगी की देखभाल करें जिसके खिड़की तथा दरवाजे पर जालियां लगी हों।
3-.बुखार का रोगी बिना रक्त की जांच कराये दवा का इस्तेमाल न करें तथा खाली पेट दवा न खाये।
उक्त कार्यक्रम में जिला मलेरिया अधिकारी पूजा अहिरवार, सहायक मलेरिया अधिकारी विजय बहादुर, बायोलॉजिस्ट अतुल कुमार, जिला वेक्टर जनित रोग सलाहाकार प्रदीप कुमार, प्रधानाध्यापक नारायन दास गुप्ता, मलेरिया एवं फाइलेरिया निरीक्षक, एवं समस्त मलेरिया स्टाफ तथा विद्यालय के छात्र एवं अध्यापक उपस्थित रहे।