जिला एम सी बी
संभागीय रिपोर्टर
नहीं खुल रहा समय से साशकीय उचित मूल्य की दुकान जनकपुर
गौरतलब है कि भारत सरकार सहित समूचे छत्तीसगढ़ राज्य में गरीबों को मिलने वाली राशन को अहम योजना का दर्जा दिया गया है, जिस कारण प्रधानमंत्री के आदेशानुसार आगामी 5 वर्ष तक राशन फ्री योजना बनाई गई है। जिससे गरीबों को राशन मिलने में कोई कठिनाई न हो उपभोकता को सही समय से राशन मिल सके।लेकिन जनकपुर में अजीबो गरीब तरीके से फुल मनमाने ढंग से शासकीय उचित मूल्य दुकान का संचालन किया जाता है।छत्तीसगढ़ शासन के आदेश अनुसार दुकान 10:00 बजे से शाम के 5:30 तक सप्ताह के 6 दिन लगातार संचालन करना है जिसमें से मात्र सोमवार को छोड़कर बाकी समस्त दिन में पूरे महीने राशन दुकान का खुलना अनिवार्य है ।लेकिन जनकपुर शासकीय उचित मूल्य दुकान में राशन विक्रेता के मनमानी रवैया के कारण राशन दुकान कभी भी समय पर नहीं खुल पा रहा है, राशन उपभोक्ता के द्वारा बताया गया की हमेशा से यह राशन दुकान 1:00 बजे तो कहीं 2:00 बजे दिन में खोला जाता है, शुक्रवार 21/6/24को लगभग कई लोग राशन लेने आए थे। लेकिन राशन दुकान नहीं खुलने की वजह से वापस लौट गए। दुकानदार लोकल जनकपुर की होने के कारण फुल दबंगई के साथ राशन वितरण कर रहे हैं। सूत्रों के हवाले से खबर है यहां पर भी नीलिमा चतुर्वेदी के इशारे में राशन दुकान खोला जाता है या यूं कहिए वो खुद मालिकाना हक रखती हैं ।जिसके कारण यह राशन दुकान भी आंगनबाड़ी की तरह मनमाने तरीके से संचालन किया जा रहा है। उपभोक्ता के द्वारा बताया गया की राशन की निर्धारित दर जो शासन के द्वारा ली जाती है उससे भी हटकर यहां शक्कर का निर्धारित मूल्य 17 रुपए जो छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा है उसे भी इनके द्वारा ₹20 प्रति किलोग्राम के दर से विक्रय किया जाता है। जो की सार्वजनिक वितरण प्रणाली अधिनियम के अंतर्गत दंडनीय है।। लगातार कई वर्षो से यहां राशन दुकान एक ही समूह एवं विक्रेता के द्वारा चलाया जा रहा है अब आप सोच सकते हैं कि यदि हर माह 3रुपए प्रति कार्ड लिया जा रहा है तो लगभग जनकपुर में 1500कार्ड है जिसमें 1000बीपीएल कार्ड होंगे महीने का तीस हज़ार रुपए अवैध तरीके से कमा रही है तो सोचिए साल का तीन लाख 60हजार और लगभग 5साल का जोड़ दे तो 15लाख से ज्यादा का भ्रष्टाचार किया गया है।।जबकि इनके द्वारा कई वर्षो शक्कर को 20रुपए के दर से देते आ रहे हैं।। अब सोच सकते हैं की कई लाख रुपए इनके द्वारा गलत तरीके से वसूली की गई है।।अब इस भ्रटाचार पर क्या कार्यवाही खाद्य विभाग द्वारा किया जाएगा ।।यह बहुत बड़ा सवाल है।। जब राजधानी रिपोर्टर द्वारा खाद्य निरीक्षक भूपेंद्र राज से बात किया गया तो वो भी राशन दुकानदार के पक्ष में बात करते नजर आते हैं ।।आखिर क्यूं मेहरबान रहते हैं खाद्य निरीक्षक कहीं रशुखदार दबंग होने की चलते विक्रेता पर कोई कार्यवाही नहीं कर पा रहे हैं खाद्य निरीक्षक अब देखना होगा कि शासन प्रशासन ऐसे राशन विक्रेता समूह पर क्या कार्यवाही करती है या मामले को ठंडे बस्ते में डालकर मौन धारण कर लेती है।।