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स्टेट क्राइम ब्यूरो चीफ जगदीश तिवारी की रिपोर्ट

*भाई की कलाई पर सजेगी गाय के गोबर से बनी राखी अंकित शुक्ला**रायबरेली* रक्षाबंधन पर्व पर तरह-तरह राखियों की बिक्री बाजार में शुरू हो गई है ऐसे में गो संरक्षण कार्य से जुड़े राष्ट्रीय सैनिक छात्र सेवा परिषद अध्यक्ष अंकित शुक्ला ने गाय के गोबर कई अन्य आयुर्वेदिक बूटियों के मिश्रण से आकर्षक राखियां तैयार कि हैं इनका दावा है कि इन राखियों के प्रयोग से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है साथ ही हानिकारक तत्वों का प्रभाव कम होता है 30व31 अगस्त को रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार है इस दिन बहनें भाई के हाथ में रक्षा सूत्र बांधती है ऐसे में बाजारों में तरह तरह की राखियां बिक्री के लिए सज गई है चाइनीज राखियां भी बाजार में बिक रही है ऐसे में गो संरक्षण कार्य से जुड़े अध्यक्ष अंकित शुक्ला ने राखियों को लेकर एक अनोखी पहल शुरू की है उन्होंने गाय के दूध व गोबर से बनी विभिन्न तरह की करीब 11हजार राखियों का निर्माण कराया है इनकी बिक्री की कीमत पांच से दस रुपये तक रखी गई है राष्ट्रीय सैनिक छात्र सेवा परिषद के अध्यक्ष अंकित शुक्ला स्वयं घर-घर जाकर इन राखियों की बिक्री कर रहे हैं गाय संरक्षण के नाम पर लोग भी इनकी खरीदारी को लेकर उत्साहित हैं इन राखियों को कुछ दुकानों पर बिक्री के लिए रखा गया है संगठन का दावा है कि रक्षाबंधन पर इन राखियों को बांधने से सकारात्मक ऊर्जा का शरीर में संचार होता है इसकी वजह है कि इनको तैयार करने में राल कपूर कचरी, गूगल, लाल व सफेद चंदन, गाय का घी, नारियल तेल, ग्वार गम, मेदा लकड़ी आदि का प्रयोग किया जाता है स्वदेशी बाजार को भी बढ़ावा मिलता है संस्था अंकित शुक्ला ने बताया कि रक्षाबंधन पर गाय के गोबर से बनी इन राखियों की बिक्री कर गो संरक्षण को बढ़ावा देना है राखियों की बिक्री से एकत्र होने वाली राशि को गो संरक्षण पर खर्च किया जाएगा संस्था ने इन राखियों को बिहार, उन्नाव अन्य स्थानों पर भी बिक्री के लिए भेजा है इनकी बिक्री से एकत्रित होने वाली धनराशि को गायों के रखरखाव, चारे आदि पर खर्च किया जाएगा मनिकापुर में तैयार हो रही राखियां बनाने में देसी गाय के गोबर का इस्तेमाल किया जा रहा है संगठन से जुड़े लोग विभिन्न स्थानीय गोशालाओं में घूम कर देसी गाय का गोबर एकत्र कर रहे हैं जिसके बाद गोबर को रायबरेली के मनिकापुर कस्बे में भेजा जा रहा है यहां इन राखियों का निर्माण कराया जा रहा है इस कार्य में 10 से 15 लोग लगाए गए हैं

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