तहसीलदार के नाक के नीचे भरतपुर में शासकीय कर्मचारी भी कर रहे शासकीय भूमि पर कब्जा बना रहे बिल्डिंग कुछ तो बिल्डिंग बना किराए से भी दिए हैं।।
जिला एम सी बी
मामला पूरा तहसील भरतपुर जनकपुर से जुड़ा हुआ है बीते कुछ महीने पूर्व तहसीलदार मनहरन राठिया द्वारा एक दो गरीबों के मकान पर बुलडोजर चलवा कर गिराया गया था, कुछ को नोटिस थमाया गया था लेकिन क्या उस नोटिस में अपने ही विभाग में कार्यरत कोटवार जो की कई लोगो को शासकीय भूमि में बसा दिया है जब बसाया होगा तो जाहिर सी बात है पैसे भी लिए होंगे एसडीएम ऑफिस में बाबू है रावेंद्र पांडेय उनके द्वारा भी अवैध कब्जा कर शासकीय भूमि पर मकान बनाकर किराए से दिया गया है, मनरेगा शाखा के अधिकारी पीओ दो तल्ला अभी हाल में ही शासकीय भूमि पर मकान बनाए हुए हैं, वो भी जनकपुर वासियों के अनुसार पूर्व कब्जा धारी ने सासकीय जमीन को पीओ सर को बेचा है वो ऐसे ग्राहक है जो सरकारी जमीन को खरीदकर मकान बनाए हुए हैं। उन्हें ये तो पता होना चाहिए की सरकारी जमीन खरीदना कानूनन जुर्म है, पर इससे क्या फर्क पड़ता है जनकपुर में सब जायज है जब राजस्व विभाग में पदस्थ कर्मचारी खुद सरकारी जमीन में घर बनाए हुए हैं तो न्याय की अपील किस्से की जा सकती है। लेकिन जब जब कोई गरीब कही छोटा सा मकान बना लिया तब तहसीलदार सहित पूरा राजस्व महकमा उस पर कार्यवाही करने को तैयार रहता है आखिर क्यूं आज तक इन सरकारी कर्मचारी को नोटिस जारी नही की गई क्यू इनका शासकीय भूमि से कब्जा नही हटवाया गया ये अधिकारी के पक्षपात को दर्शाता है जो न्याय्योचित नही है इस तरह के कार्य की कल्पना सायद प्रदेश में बैठी भाजपा की सरकार ने भी नही की होगी जो जनकपुर भरतपुर में हो रहा है। अब देखना होगा की इस खबर के बाद क्या इनको नोटिस दी जाती है क्या इन शासकीय कर्मचारी के मकान पर बुलडोजर एक्सन होगा या मामले को दबा दिया जाता है।।