गठिया रोग पर जागरूकता को लेकर हनुमान प्रसाद रस्तोगी गर्ल्स इंटर कॉलेज में कार्यक्रम आयोजित किया गया
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संवाददाता। लखनऊ
भागम-भाग के इस युग में ज्यादातर लोग जोड़ों, कमर और घुटने के दर्द से परेशान रहते हैं। चाहे युवा हो या फिर बुर्जुग अधिकांश इस समस्या से ग्रसित है। डॉक्टरी भाषा में कहें तो यह दर्द गठिया रोग के कारण होते हैं। इससे कैसे बचा जा सकता है। यह बीमारी होने पर इससे कैसे निजात पाई जा सकती है। यह सब बताने के लिए गठिया रोग पर एक जागरूकता शिविर का आयोजन राजधानी लखनऊ के हनुमान प्रसाद रस्तोगी गर्ल्स इण्टर कालेज में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में गठिया रोग विशेषज्ञ डॉ० सौरव शुक्ला, मुख्य अतिथि और वक्ता थे। जबकि डॉ० आर०पी० सिंह और डॉ० अपर्णा त्रिपाठी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में अपने विचार रखे।
जोड़ों में दर्द क्यों होता है, क्या कारण है, कैसे इसका निवारण कर सकते हैं। कमर और घुटने में दर्द के कारण और निवारण के साथ ही घुटने और कूल्हे का दर्द के कारणों और उसके निवारण पर आये हुए लोगों को जागरूक करने का काम किया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद डॉ० सौरव शुक्ला ने कहा कि ऑस्टियोआर्थाइटिस एक पुराने उम्र में होने वाली जोड़ों की एक समस्या है जो जो दर्द स्थिरता और गतिशीलता में कमी का कारण बनती है इससे जोड़ों के कार्टिलेज का क्षय होता है वही रूमेटीइड गठिया एक ऑटोइम्यून विकार है जहां शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली जोड़ों पर हमला करती है जिससे सूजन दर्द और अंततः संयुक्त क्षति होती है।
एक अध्ययन में पाया गया है की कमर और घुटनों में दर्द विभिन्न उम्रों में पाया जा सकता है युवा और बच्चों में खेल के चोटों से यह समस्या उत्पन्न हो सकती है जबकि मध्य वयस्कों में वृद्धो मेंआस्टियोआथ्रारइटिस का कारण बन सकता है डॉक्टर शुक्ला ने कहा कि व्यायाम सही आहार वजन कम करना आराम और विशेषज्ञ डॉक्टर इलाज करने से बीमारी से काफी हद तक निजात पाई जा सकती है ध्यान देने वाली बात यह है कि हर व्यक्ति के लिए उपचार का प्रकार और योग्यता भिन्न हो सकती है इसलिए व्यक्तिगत सलाह के लिए चिकित्सा से संपर्क करना महत्वपूर्ण है।