लोक निर्माण विभाग की लापरवाही से यमपुरी रोड़ मत जाना
स्टेट क्राइम ब्यूरो चीफ जगदीश तिवारी की रिपोर्ट
डलमऊ रायबरेली- डलमऊ आए तो यमपुरी रोड मत जाना. डलमऊ से गदागंज संपर्क मार्ग पिछले कुछ दिनों से अखबारों में सुर्खियां में यमपुरी रोड के नाम से मशहूर हो गई हैं . लोक निर्माण विभाग कुंभ करण की नींद सो रहा हैं या शायद किसी बड़े हादसे के इंतजार में हैं यमपुरी रोड पर आप गड्ढों की संख्या भूल जाएंगे. लोक निर्माण विभाग के दस्तावेज में शायद डलमऊ से गदागंज संपर्क मार्ग है ही नहीं, नहीं तो बारिश के पहले इन गड्ढों का पैच वर्क ही करवाया जा सकता था ,मगर अब बरसात की वजह से उन गड्ढों में पानी भर गया हैं जो राहगीरों व श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का सबब बना हुआ हैं. इतना ही नहीं यह कानपुर वाया ऊंचाहार प्रयागराज रोड़ भी हैं ,लोक निर्माण विभाग अपनी नाकामी छुपाने के लिए उन गड्ढों में ईंटे भरवां दी गई हैं , जो कि पूरी रोड में ईंटें बिखरी पड़ी हुई हैं दिन में तो राहगीर किसी तरह से बच कर निकल जाते हैं मगर रात में गाड़ियों का संतुलन बिगड़ने का खतरा बढ़ जाता हैं, ऊपर से आवारा गौ वंश शाम होते ही सड़कों के किनारे अपना जमावड़ा लगाना शुरू कर देते हैं ऐसे में राहगीर खुद को बचाएं, आवारा गौ वंशों को बचाएं तो गाड़ी का संतुलन खो बैठता है और हादसे का शिकार हो जाता हैं. श्रावण मास भी प्रारंभ हो गया हैं श्रद्धालुओं का जत्था पैदल इन मार्गों से होते हुए डलमऊ जल लेने जाते हैं और ऐसे में प्रशासन श्रद्धालुओं के कांवड़ यात्रा की सुविधाओ का डंका पीट रही हैं,मगर किसी को राहगीरों कि क्यों पड़ी . कौन सा लोक निर्माण विभाग के अफसरानों को इस रोड पर आना जाना पड़ता हैं . “सरकार की गड्ढा मुक्त सड़क योजना” इन सड़कों को देख कर तो सड़कों की धुल में गुम होती नजर आ रही हैं. बरसात शुरू होने से पहले यदि लोक निर्माण विभाग इन सड़कों की मरम्मत करवा दे तो ईंटे डलवाने की जरूरत ही न पड़े. क्षेत्रीय लोगों का तो यहां तक कहना हैं कि जब से डलमऊ विधानसभा खत्म हुई हैं उसी समय से ही डलमऊ में विकास कार्य का पहिया रूक गया हैं क्योंकि जिले से महीने में एक आध बार अफसरानों का दौरा हो जाता हैं, उसके बाद पुरा महीना कर्मचारी से लेकर अफसरानों तक मौज करते हैं.