ट्रेन चलने को हुई तो पता चला गार्ड शराब के नशे में है, जानिए फिर कैसे गंतव्य तक पहुंचाई गई ट्रेन
स्टेट क्राइम ब्यूरो चीफ जगदीश तिवारी की रिपोर्ट
रायबरेली जिले में एक अजीब मामला सामने आया। ट्रेन का एक गॉर्ड नशे की हालत में ड्यूटी करने पहुंचा। अधिकारी भांप गए और तुरंत एक निर्णय लिया गया।
यात्रियों से भरी ट्रेन के साथ जिस गार्ड की ड्यूटी लगाई गई, वह नशे की हालत में ड्यूटी करने पहुंचा। शक हुआ तो ड्यूटी पर भेजने से पहले जांच की गई तो उसके नशे में होने का पता चला। तुरंत गार्ड को रोक दिया गया। दूसरे गार्ड की व्यवस्था करने में समय लगा, जिससे ट्रेन 25 मिनट की देरी से रवाना की गई। आरोपी गार्ड का आरपीएफ की निगरानी में मेडिकल परीक्षण कराया गया। आरपीएफ ने केस दर्ज कर लिया है। आरपीएफ छानबीन कर रही है तो विभागीय स्तर पर भी जांच शुरू हो गई है।
रायबरेली स्टेशन से एक ट्रेन डलमऊ, लालगंज होते हुए रघुराज सिंह स्टेशन तक जाती है, जिसके रायबरेली से रवाना होने का समय सुबह 5.05 बजे है। ट्रेन के स्टाफ को लगभग पौन घंटे पहले पहुंच कर ड्यूटी ज्वाइन करनी होती है, लेकिन उन्हें जांच के बाद ही ड्यूटी दी जाती है।
इस गाड़ी पर ट्रेन मैनेजर (गार्ड) के रूप में जितेंद्र कुमार की ड्यूटी लगी थी, जिनकी जांच सुबह 4.41 बजे हुई तो उनके नशे की हालत में होने का पता चला। इस पर क्रू कंट्रोलर आईबी सिंह ने स्टेशन मास्टर को सूचना भेजी। गाड़ी चलाने के लिए दूसरे गार्ड रमेश कुमार को बुलाया गया। दूसरे गार्ड के आने में समय लगा, जिससे ट्रेन 25 मिनट की देरी से सुबह 5.30 बजे रवाना की गई।क्रू कंट्रोलर की लिखित सूचना पर स्टेशन मास्टर ने रेलवे स्वास्थ्य केंद्र को अवगत कराया, ताकि गार्ड का मेडिकल परीक्षण हो सके। रेलवे स्वास्थ्य केंद्र ने जिला अस्पताल रेफर किया। आरपीएफ की निगरानी में गार्ड का परीक्षण जिला अस्पताल में कराया गया, जहां ब्लड सैंपल लिया गया। चीफ क्रू कंट्रोलर अयाजुद्दीन अहमद ने बताया कि ट्रेन में जिस स्टाफ की ड्यूटी लगती है, उसकी जांच कियोस्क मशीन से होती है। जांच में गार्ड के नशे में होने का पता चला। आरपीएफ इंस्पेक्टर आलोक मौर्य ने बताया कि गार्ड के खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। गार्ड से पूछताछ के साथ ही छानबीन शुरू कर दी गई है। विभागीय जांच के बाद कार्रवाई होगी।