अपनी मजदूरी मांग पर चार दिनों भूख-हड़ताल
न्याय दिलाने के लिए ग्रामीण हुए लामबंद
एमसीबी केल्हारी ।चार साल पूर्व में आवेदक श्याम सुंदर सिंह अपनी मजदूरी भुगतान रू 36000/ के लिए सर्वप्रथम श्रम विभाग एवं जिला कलेक्टर डाक रजिस्ट्री द्वारा दिनांक 08/06/2023 आवेदन भेजा गया श्रम विभाग फोन द्वारा सूचित कर दिनांक 22/07/2023 कर श्याम सुंदर को बयान के लिए बुलाया गया श्याम सुंदर का बयान तो हुआ नहीं लेकिन श्याम सुंदर को अधिकारी ने कहा वह कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता है। श्रम विभाग पर सवाल उठता है फोन में सूचित करके बुलाया विभाग को लिखित सूचना देकर बुलाना था। क्या श्रम विभाग का फोन द्वारा आवेदक श्यामसुंदर सिंह को बुलाना सही है क्या? डॉ विनय शंकर पर हम कोई कार्रवाई नहीं कर पाएंगे। आप कोर्ट का कोर्ट में जाइए। जहां एक और श्रम विभाग आवेदक को कोर्ट जाने की सलाह देता है। श्रम विभाग कोर्ट में जाने के लिए कोई लिखित दस्तावेज नहीं दिया। जिससे श्याम सुंदर कोर्ट में आवेदन दे सकें । ऐसा कहना आवेदक श्याम सुन्दर सिंह का , दिनांक 07/08/2023 एक आवेदन पत्र राजस्व विभाग एसडीएम कार्यालय में भूख हड़ताल में बैठने को लेकर दिया गया एक हफ्ते का समय भी दिया गया लेकिन राजस्व विभाग एसडीएम आवेदक श्याम सुंदर के पत्र का कोई जवाब नहीं दिया। दिनांक 14/08/2023 गरीब मजदूर अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए भूख हड़ताल पर बैठ गया दिनांक 20/08/2023 को मीडिया ने इस विषय पर केल्हारी एसडीएम से बात की एसडीएम ने बताया मैं तहसीलदार को कह दिया है मामला गंभीर है। भूख हड़ताल पर बैठा व्यक्ति के मामले को गंभीरता से लीजिएगा । तहसीलदार यह कहकर श्याम सुंदर आप डॉक्टर विनय शंकर फिर से दोबारा वार्तालाप करने करें। आप घर जाइए नहीं बात होगी तो फिर हम आपका साथ देंगे।सवाल यह है क्या तहसीलदार को
आवेदक को यह कहना सही था? दिनांक 20/08/2023 को डॉ विनय शंकर पेट्रोल पंप के कर्मचारी शाम 7:00 बजे के लगभग को आवेदक के साथ मारपीट की गई जिसकी रिपोर्ट थाने में श्याम सुंदर ने की रात में ही श्याम सुंदर के ऊपर भी एफआईआर दर्ज की गई क्या यह सही है? श्याम सुंदर प्रशासन से प्रताड़ित होता रहा। दिनांक 23/08/2023 जिला कलेक्टर एवं राजस्व विभाग एसडीएम को एक हफ्ते का समय दिया गया मेरी मांग पूरी न होने पर मैं अन्य जल त्याग भूख प्यास तीन सूत्री मांगों को लेकर 02/09/2023 भूख हड़ताल पर बैठूंगा। सूचना देने के बाद श्याम सुंदर भूख हड़ताल पर बैठ गए। अब आलम यह है। भरतपुर सोनहत विधायक एक आदिवासी व्यक्ति जिसे उसकी मजदूरी नहीं मिली है वह भूख हड़ताल पर बैठा है। भरतपुर सोनहत विधायक को एक आदिवासी व्यक्ति आज चौथा दिन है हाल-चाल तक नहीं पूछा गया। इस बात पर भी ग्रामीण काफी आक्रोश में है शासन प्रशासन भूख हड़ताल पर बैठे व्यक्ति की सुध लेने वाला कोई नहीं है। आज दिनांक 05/09/2023 इस विषय पर एसडीएम से जानकारी मांगी गई एसडीएम कह रहे हैं शासकीय काम नहीं है श्रम न्यायालय में जाए किंतु क्या कांग्रेस पार्टी का या वर्तमान सरकार में बैठे जन प्रतिनिधि का यह नैतिक दायित्व नहीं है कि अपने अध्यक्ष से गरीब का मजदूरी दिलवाएं या सही स्थिति जानने के लिए भूख हड़ताल स्थल पर जाएं श्याम सुंदर का मामला कोई सरकारी तो है नहीं प्राइवेट काम किया है। श्रम विभाग पर अपनी बात आवेदक रखे। वही इस संदर्भ में हमने श्याम सुंदर से कहा
श्याम सुंदर ने कहा मैं जब पहली बार आवेदन दिया था। एसडीएम महोदय को सात दिन का समय दिया था। मुझे एक सूचना पत्र भिजवा देते मैं भूख हड़ताल पर नहीं बैठता। मेरे को न्याय चाहिए यही बात एसडीएम महोदय भूख हड़ताल पर जहां बैठा हूं वहां जाकर मुझे लिखित दें मैं भूख हड़ताल से उठ जाऊंगा और कोर्ट की शरण में न्याय मांगूंगा। अगर ऐसा नहीं हुआ आज चौथा दिन है।शारीरिक रूप से मैं स्वस्थ हूं मुझे कुछ भी हुआ इसके जिम्मेवार पूरा शासन प्रशासन होगा। आपको बता दें भूख हड़ताल पर बैठे श्याम सुंदर को ग्रामीणों का समर्थन मिल रहा है ग्रामीणों ने कहा जब तक शासन प्रशासन लिखित नहीं देगा श्रम विभाग में जाने का आवेदक श्याम सिंह भूख हड़ताल से नहीं उठाएंगे।डॉ विनय शंकर कह रहे है मैं श्याम सुंदर को नहीं पहचानता उसने कोई काम नहीं किया तो क्या शासन प्रशासन का यह दायित्व नहीं है की सत्यता की जांच करें।