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गर्म हवा एवं लू से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी,तबियत ठीक न लगने पर डाक्टर से करे संपर्क

बांदा अपर जिला आधिकारी वित्त /राजस्व राजेश कुमार वर्मा द्वारा मौसम के बढ़ते तापमान देखते हुए जनसाधारण को जागरूकता एवं बचाव के तरीके बताए हैं, कि लू प्रकोप एवं गर्म हवा, लू से जनहानि भी हो सकती है। इसके असर को कम करने के लिए और लू से होने वाली मौत की रोकथाम के लिए
सावधानियाँ बरतें। कड़ी धूप में बाहर न निकलें, खासकर दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक के बीच में जितनी बार हो सके पानी पियें, प्यास न लगे तो भी पानी पियें। हल्के रंग के ढीले ढीले सूती कपड़े पहनें। धूप से बचने के लिए गमछा, टोपी, छाता, धूप का चश्मा, जूते और चप्पल का इस्तेमाल करें। सफर में अपने साथ पानी रखें। शराब, चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थों का इस्तेमाल न करें। शरीर को निर्जलित कर सकते हैं अगर आपका काम बाहर का है तो टोपी गमछा या छाते का इस्तेमाल जरूर करें और गीले कपडे को अपने चेहरे सिर और गर्दन पर रखें। अगर आपकी तबियत ठीक न लगे या चक्कर आए तो तुरन्त
डॉक्टर से सम्पर्क करें। घर में बना पेय पदार्थ जैसे कि लस्सी, नमक चीनी का घोल, नींबू पानी छाछ, आम का पना इत्यादि का सेवन करें। लू के चपेट में आने पर बिल्कुल लापरवाही न करें, शरीर को बर्फ या ठंडा पानी से लगातार पोंछे। शरीर पर भीगा हुआ कपड़ा बिल्कुल न लपेटे क्योंकि इसे शरीर का तापमान बढ़ेगा और हालत पहले से गंभीर हो जाएंगे। जानवरों को छांव में रखें और उन्हें खूब पानी पीने को दें। अपने घर को ठंडा रखें, पर्दे शटर आदि का इस्तेमाल करे। रात में खिड़कियाँ खुली रखें। फैन, ढीले कपड़े का उपयोग करें। ठंडे पानी से बार बार नहाएं। धूप में खड़े वाहनों में बच्चों एवं पालतू जानवों को न छोड़ें। खाना बनाते समय कमरे के दरवाजे, खिड़की खुलें रखें, जिससे
हवा का आना जाना बना रहे। नशीले पदार्थ, शराब तथा अल्कोहल के सेवन से बचें। उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचें। बासी भोजन न करें। जिला आपदा विशेषज्ञ प्रभाकर सिंह ने बताया कि खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमीनियम, पन्नी, गत्ते इत्यादि से ढक कर रखें, ताकि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके। उन खिड़कियों व दरवाजों पर जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएं आती है, काले पर्दे लगाकर रखना चाहिए। स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान को सुनें और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें। आपात् स्थिति से
निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें। बच्चों व पालतू जानवरों को कभी भी बंद वाहन में अकेला न छोड़े। जहाँ तक संभव हो घर में ही रहें तथा सूर्य के सम्पर्क से बचें। सूर्य के ताप से बचने के लिए जहाँ तक संभव हो घर की निचली मंजिल पर रहें। संतुलित भोजन करे, हल्का व सूती कपड़े पहने, घर से बाहर निकलने पर अपने शरीर व सिर को कपड़े या टोपी से ढक कर रखें । किसी भी समस्या के लिए जिला इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर टोल फ्री नंबर 05192 285260 व जिला आपदा विशेषज्ञ का नंबर 9452662412 पर संपर्क कर सकते है।

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