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बिरजू महाराज कथक संस्थान संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश एवं एम एल के पी जी कॉलेज बलरामपुर के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे सातदिवसीय ग्रीष्मकालीन कथक नृत्य कार्यशाला के सातवें दिन रविवार को महाविद्यालय सभागार में कार्यशाला का समापन समारोह आयोजित किया गया। समारोह में प्रतिभागियों ने कार्यशाला में छह दिन सीखे कथक नृत्य की प्रस्तुति दी।
महाविद्यालय प्राचार्य प्रो0 जे पी पाण्डेय के निर्देशन में आयोजित कार्यशाला के समापन समारोह का शुभारंभ कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो0 एस पी मिश्र,मुख्य अतिथि वरिष्ठ समाज सेवी भूपेंद्र सिंह बजाज,विशिष्ट अतिथि स्पिक मैके की वाईस चेयरपर्सन डॉ नीरजा शुक्ला,विशिष्ट अतिथि प्रो0 वीणा सिंह व कार्यशाला संयोजक लेफ्टिनेंट डॉ देवेन्द्र कुमार चौहान ने दीप प्रज्वलित कर के किया। प्रतिभागियों को शुभाशीष प्रदान करते हुए प्रो0 एस पी मिश्र ने कहा कि नृत्य आनंद का विषय है और कथक नृत्य आनंद के साथ साथ अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है। इसमें सुर ,ताल,लय व शरीर के विभिन्न भागों के समन्वय से ही नृत्य पूर्ण होता है। मुख्य अतिथि भूपेंद्र सिंह बजाज ने कार्यशाला के आयोजन हेतु कथक संस्थान व महाविद्यालय के प्रयास की सराहना करते हुए प्रतिभागियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। विशिष्ट अतिथि डॉ नीरजा शुक्ला व प्रो0 वीणा सिंह ने प्रतिभागियों के प्रस्तुति की प्रशंसा करते हुए कथक गुरु के अथक प्रयास की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रतिभागियों ने बड़े ही धैर्य के साथ गुरु द्वारा सिखाये नृत्य को पूरे मनोयोग से सीखा जिस्की झलक आज मंच पर इनकी प्रस्तुति में दिखी है। कथक गुरु हर्षिता चौहान ने कहा कि कथक नृत्य की महत्वपूर्ण उपयोगिता है।यह एक शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, साथ ही एक कलात्मक अभिव्यक्ति का माध्यम भी है। कथक नृत्य शरीर को लचीला बनाता है, तनाव कम करता है और अच्छी मुद्रा को बढ़ावा देता है. यह न केवल शारीरिक रूप से फिट रहने में मदद करता है बल्कि एक अभिव्यंजक कला भी है जो कहानियों को व्यक्त करने और संवाद करने के कौशल को विकसित करने में मदद करती है।कार्यशाला संयोजक लेफ्टिनेंट डॉ देवेन्द्र कुमार चौहान ने सभी का स्वागत करते हुए सभी के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। इस दौरान प्रतिभागियों ने कार्यशाला में सीखे प्रणाम,गुरु वंदना, तत्कार,अराल हस्त, हस्तक व टुकड़ा आदि की मनमोहक प्रस्तुति दी जिसे खूब सराहा गया। कथक गुरु हर्षिता चौहान ने कृष्ण वंदना” भजे बृजेकमंडलम” पर कथक नृत्य की प्रस्तुति देकर सभी उपस्थित अतिथियों, प्रतिभागियों व उनके अभिभावकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान कथक गुरु व प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह प्रदानकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर डॉ के के सिंह,डॉ वंदना सिंह,डॉ सुनील कुमार शुक्ल,शैलेंद्र श्रीवास्तव, वालेंटियर संजीत गुप्ता व श्रीओम कसौंधन आदि मौजूद रहे।

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